1. GSTR-9 – वार्षिक रिटर्न
किसके लिए अनिवार्य: जिन करदाताओं का वार्षिक टर्नओवर ₹2 करोड़ से अधिक है।
उद्देश्य: यह वार्षिक रिटर्न पूरे वर्ष में भरे गए मासिक या त्रैमासिक रिटर्न (GSTR-1 और GSTR-3B) का एक विस्तृत सारांश है। इसमें पूरे वर्ष की बिक्री, खरीद, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC), और अन्य समायोजनों का ब्यौरा होता है।
महत्व: GSTR-9 भरने से करदाता वित्तीय वर्ष में किसी भी त्रुटि या समायोजन की पहचान कर सकते हैं और उन्हें सुधारने का अवसर मिलता है। यह वित्तीय समापन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे खातों की सटीकता सुनिश्चित होती है।
2. GSTR-9C – पुनःमिलान विवरण और ऑडिट
किसके लिए अनिवार्य: जिन करदाताओं का वार्षिक टर्नओवर ₹5 करोड़ से अधिक है। यह सीमा उन व्यवसायों के लिए लागू होती है जिन्हें GST ऑडिट के लिए निर्धारित किया गया है।
उद्देश्य: GSTR-9C एक पुनःमिलान विवरण है, जो यह सुनिश्चित करता है कि GSTR-9 में रिपोर्ट किए गए आंकड़े वित्तीय रिकॉर्ड और खातों की पुस्तकों से मेल खाते हैं। यह प्रक्रिया आंकड़ों की सटीकता के लिए एक अतिरिक्त स्तर की जांच प्रदान करती है।
प्रमाणीकरण: GSTR-9C को प्रमाणित किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य रिटर्न और वित्तीय रिकॉर्ड के बीच किसी भी अंतर को स्पष्ट करना और इसे ठीक से पुनःमिलान करना है।
GSTR-9 और GSTR-9C की सही और समय पर फाइलिंग न केवल GST कानूनों के अनुपालन को सुनिश्चित करती है, बल्कि दंड से बचाव में भी सहायक होती है। इससे सरकार को करदाताओं की वार्षिक गतिविधियों का सटीक और समग्र विवरण मिलता है, जो प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
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