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Saturday, 25 January 2025

The Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) has issued a cautionary note regarding fake and fraudulent summons being issued by fraudsters under the guise of GST violations.

CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) ने फर्जी और धोखाधड़ीपूर्ण समन (Summons) के सम्बंध मे Press Release किया है ।



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Press Release


  1. फर्जी समन का मामला:
    वसूली करने के लिए भ्रस्ट Officer व धोखेबाज व्यक्तियों ने नकली समन तैयार करके करदाताओं को भेजने का काम किया है। ये समन ऐसे करदाताओं को भेजे जा रहे हैं जो डीजीजीआई (GST खुफिया निदेशालय) या सीजीएसटी (CGST) अधिकारियों द्वारा जांच के दायरे में हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते।

  2. फर्जी DIN (डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर):

    • इन नकली समन में विभाग का लोगो और DIN नंबर शामिल होता है, जिससे यह असली जैसा दिखता है।
    • हालांकि, ये DIN नंबर नकली होते हैं और धोखेबाज इन्हें दस्तावेज़ को असली जैसा दिखाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
  3. सत्यापन की सुविधा:
    करदाता किसी भी समन, पत्र, या नोटिस की प्रामाणिकता को आसानी से सत्यापित कर सकते हैं।

    • CBIC की वेबसाइट पर VERIFY CBIC-DIN विंडो उपलब्ध है।
    • लिंक: https://esanchar.cbic.gov.in/DIN/DINSearch
    • DIN नंबर दर्ज करके आप यह जांच सकते हैं कि दस्तावेज़ असली है या नकली।
  4. धोखाधड़ी पाए जाने पर क्या करें:

    • यदि DIN सत्यापन के बाद समन, पत्र, या नोटिस फर्जी पाया जाता है, तो तुरंत संबंधित DGGI या CGST कार्यालय को रिपोर्ट करें।
    • यह रिपोर्टिंग अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने में मदद करेगी।
  5. सीबीआईसी का सर्कुलर:

    • CBIC सर्कुलर नंबर 122/41/2019-GST (दिनांक 5 नवंबर 2019) के अनुसार,
    • CBIC के किसी भी अधिकारी द्वारा भेजे गए सभी संचार में DIN का उल्लेख अनिवार्य है।
    • यह सुनिश्चित करता है कि सभी दस्तावेज़ प्रामाणिक और ट्रैक किए जा सकें।

करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:

  • धोखाधड़ी से बचाव:
    किसी भी आधिकारिक दस्तावेज़ को सत्यापित करना आपको धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाता है।

  • सुनिश्चित करें कि आप सही कार्रवाई करें:
    केवल असली दस्तावेज़ों का जवाब दें और फर्जी दस्तावेज़ों को नजरअंदाज करें। इससे अनावश्यक कानूनी समस्याएं नहीं होंगी।

  • धोखेबाजों पर कार्रवाई में मदद करें:
    नकली दस्तावेज़ों की रिपोर्टिंग से फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने में मदद मिलती है।

Regard 
Advocate 

Thursday, 23 January 2025

GSTR-9C में देरी पर लेट फीस माफी: वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2022-23 के लिए राहत The central government has waived off the late fee on GSTR-C under section 47 of the CGST Act for financial years 2017-18 to 2022-23.

This notification, No. 08/2025 – CENTRAL TAX dated January 23, 2025, introduces the following key provisions under the CGST Act, 2017:

  1. Waiver of Late Fee:

    • The Central Government has waived the late fee under Section 47 of the CGST Act for delayed filing of FORM GSTR-9C (reconciliation statement) for the financial years 2017-18 to 2022-23.
    • This waiver applies only to the portion of the late fee exceeding the prescribed late fee under Section 47, provided the reconciliation statement is filed on or before March 31, 2025.
  2. Class of Persons:

    • The waiver is applicable to registered persons required to file the reconciliation statement in FORM GSTR-9C along with the annual return in FORM GSTR-9, but who failed to do so at the time of filing the annual return.
  3. Non-Refundable Provision:

    • Late fees already paid for delayed filing of FORM GSTR-9C will not be refunded, even if they exceed the amount payable under Section 47.


Download full Notification 🔔 Click 👇👇here 👇👇

Notification, No. 08/2025 – CENTRAL TAX dated January 23, 2025

 यह अधिसूचना क्या कहती है?

वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक अगर किसी पंजीकृत व्यक्ति ने वार्षिक रिटर्न (FORM GSTR-9) दाखिल किया है, लेकिन साथ में FORM GSTR-9C ( पुनर्मिलान  विवरण) समय पर दाखिल नहीं किया, तो लेट फीस (Section 47 के तहत) को माफ किया गया है।

इसे उदाहरण से समझें:

  1. मान लीजिए:

    • आप एक पंजीकृत करदाता हैं और वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए FORM GSTR-9 दाखिल कर दिया था, लेकिन FORM GSTR-9C समय पर दाखिल नहीं कर सके।
    • नियम के अनुसार, आपको FORM GSTR-9 और FORM GSTR-9C दोनों एक साथ जमा करने थे।
    • देर से GSTR-9C दाखिल करने पर आप पर लेट फीस लगाई गई।
  2. क्या फायदा मिलेगा?

    • अगर आप अभी FORM GSTR-9C 31 मार्च 2025 तक जमा कर देते हैं, तो आपकी लेट फीस माफ कर दी जाएगी।
    • लेकिन अगर आपने पहले से लेट फीस का भुगतान कर दिया है, तो उसका रिफंड नहीं मिलेगा।

उदाहरण:

  • स्थिति 1:

    • आपने GSTR-9 समय पर दाखिल किया और GSTR-9C देरी से, लेकिन लेट फीस अभी तक जमा नहीं की।
    • अब, आप 31 मार्च 2025 से पहले GSTR-9C दाखिल करेंगे तो लेट फीस माफ कर दी जाएगी।
  • स्थिति 2:

    • आपने GSTR-9C देरी से दाखिल करने के लिए ₹10,000 की लेट फीस पहले ही जमा कर दी।
    • इस अधिसूचना के अनुसार, आपको पहले से जमा की गई ₹10,000 की फीस का रिफंड नहीं मिलेगा।

मुख्य बात:

  • 31 मार्च 2025 तक GSTR-9C दाखिल करने पर लेट फीस में राहत दी गई है।
  • पहले से भुगतान की गई लेट फीस वापस नहीं होगी।
  • यह छूट केवल उन्हीं वित्तीय वर्षों के लिए है जिनका उल्लेख किया गया है: 2017-18 से 2022-23।

इससे किसे लाभ होगा?

  • यह उन व्यापारियों और पंजीकृत व्यक्तियों के लिए उपयोगी है जो GSTR-9C समय पर नहीं दाखिल कर सके थे और लेट फीस के कारण परेशान थे।

Saturday, 18 January 2025

GST Department using 26AS, AIS & ITR for Verifying Income Tax Data 🔎


जीएसटी विभाग 26AS, वार्षिक सूचना विवरण (AIS), और आयकर रिटर्न (ITR) का उपयोग कैसे कर रहा है। विभाग इनका उपयोग जीएसटी रिटर्न और आयकर डेटा में विसंगतियां खोजने के लिए कर रहा है।

  1. डेटा का उपयोग:

    • 26AS और AIS से करदाता की आय और स्रोत की जानकारी जुटाई जा रही  है।
    • डिजिटल भुगतान और TDS डेटा से जीएसटी देयता का सत्यापन किया जा रहा है।
  2. डिस्क्रिपेंसी पर फोकस:

    • यदि जीएसटी टर्नओवर और आयकर रिटर्न में अंतर पाया जाता है, तो विभाग नोटिस जारी कर रहा  है।
    • उदाहरण के लिए, आईटीआर में उच्च आय दिखाना लेकिन जीएसटी में कम टर्नओवर रिपोर्ट करना।
  3. अनुपालन सुनिश्चित करना:

    • यह डेटा मिलान कर अनुपालन और संभावित कर चोरी पर रोक लगाने का प्रयास कर रहा है।
  4. करदाताओं को सुझाव:

    • जीएसटी और आयकर डेटा में सटीकता बनाए रखें।
    • डिजिटल लेनदेन को सही ढंग से रिपोर्ट करें।

The GST department is actively monitoring taxpayers' income using Form 26AS, AIS, and IT Returns to detect tax evasion which shows a coordinated effort between the GST and Income Tax departments.

Objective ---> Incidents Highlighting How the GST Department Actively Monitoring 👇
🔘 Case 1: Pani Puri Seller from Tamil Nadu Received GST Notice
💡 Key Takeaway: The GST department is tracking digital payments (UPI, PhonePe, Paytm, GPay, etc.) and linking them to potential GST liabilities.

🔘 Case 2: GST Notice Due to Mismatch in 26AS and GST Portal
💡 Key Takeaway: The GST department is matching TDS data from Form 26AS with GST returns to identify undeclared income.

🔘 Case 3: GST Notice Based on Income Discrepancy in 26AS
💡 Key Takeaway: The GST department is using Form 26AS data (TDS details) to compare with GST turnover, ensuring all taxable supplies are properly reported.

🔘 Points to Remember while Reporting

Regard
Advocate
Sarfaraj Ansari

Tuesday, 14 January 2025

Advisory for Waiver Scheme under Section 128A Jan 14th, 2025

Comprehensive Overview of GST Waiver Scheme Advisory under Section 128A

Advisory GST अधिनियम की धारा 128A के तहत लागू छूट योजना (Waiver Scheme) से संबंधित है, जहां करदाताओं को कुछ शर्तों को पूरा करके पेनल्टी, ब्याज में छूट मिल सकती है।

1. पिछली सलाह का संदर्भ

करदाताओं को 29.12.2024 को जारी की गई सलाह की याद दिलाई गई है, जो इस छूट योजना के बारे में जानकारी देती है।

इस सलाह को विस्तार से पढ़ने के लिए यह लिंक दिया गया है:
पिछले GST Advisory लिंक




2. फॉर्म उपलब्ध हैं

GST पोर्टल पर GST SPL 01 और GST SPL 02 फॉर्म उपलब्ध हैं।


करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे इस छूट योजना के लिए आवेदन करें।

3. छूट योजना के लिए पात्रता शर्त

एक महत्वपूर्ण शर्त:

अगर आपने डिमांड ऑर्डर, नोटिस या स्टेटमेंट के खिलाफ अपील (APL-01) दायर की है, तो इसे वापस लेना अनिवार्य है।

अपील वापसी की प्रक्रिया:

1. 21.03.2023 के बाद दायर अपीलें:

ऐसे मामलों में GST पोर्टल पर वापसी का विकल्प उपलब्ध है। आप इसे सीधे पोर्टल पर ही वापस ले सकते हैं।

2. 21.03.2023 से पहले दायर अपीलें:

ऐसे मामलों में GST पोर्टल पर सीधा विकल्प उपलब्ध नहीं है। इन अपीलों को वापस लेने के लिए:

संबंधित अपील प्राधिकरण (Appellate Authority) को लिखित अनुरोध जमा करें।

अपील प्राधिकरण इस अनुरोध को GSTN के पास राज्य नोडल अधिकारी के माध्यम से भेजेगा।

GSTN इन अपीलों को बैकएंड से हटा देगा।

4. अगर कोई परेशानी हो

यदि छूट योजना में आवेदन करने में कोई समस्या हो रही है, तो GST पोर्टल के सेल्फ-सर्विस पोर्टल पर जाकर "Issues related to Waiver Scheme" कैटेगरी में टिकट दर्ज करें।

मुख्य बातें:

1. छूट योजना का लाभ लेने के लिए अपीलें वापस लेना अनिवार्य है।

2. 21.03.2023 के बाद की अपीलों के लिए प्रक्रिया आसान है; इन्हें पोर्टल से सीधे वापस लिया जा सकता है।

3. 21.03.2023 से पहले की अपीलों के लिए मैन्युअल अनुरोध करना होगा।

4. यदि कोई तकनीकी समस्या आती है, तो इसे GST हेल्पडेस्क पर रिपोर्ट करें।

Regard
Advocate
Sarfaraj Ansari