"Bill to Ship to" Model under GST
1. परिभाषा (Definition):
“Bill to Ship to” मॉडल वह व्यवस्था है जिसमें माल की आपूर्ति भले ही एक व्यक्ति को की जा रही हो, परंतु भेजा वह किसी अन्य व्यक्ति को जा रहा हो। इसमें एक सप्लायर, एक खरीदार (जो बिल करवाता है) और एक रिसीवर (जिसे माल भेजा जाता है) होता है।
⚖️ 2. कानूनी प्रावधान (Legal Provision):
✅ Section 10(1)(b) – IGST Act, 2017:
"जहाँ किसी थर्ड पार्टी के निर्देश पर सप्लायर द्वारा माल किसी तीसरे व्यक्ति को भेजा जाता है, तो ऐसा माना जाएगा कि थर्ड पार्टी को ही माल सप्लाई किया गया है और Place of Supply वही होगा जहाँ थर्ड पार्टी का प्रिंसिपल प्लेस ऑफ बिजनेस है।"
मुख्य बिंदु:
-
तीन पार्टी होती हैं: Supplier, Bill-to पार्टी, Ship-to पार्टी
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सप्लाई मान ली जाती है Bill-to पार्टी को
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GST की दृष्टि से दो सप्लाइज़ मानी जाती हैं
🔷 3. सैद्धांतिक ढांचा (Theoretical Framework):
तत्व | विवरण |
---|---|
Supplier | जो वस्तु सप्लाई कर रहा है |
Bill To Party | जो वस्तु खरीद रहा है (वास्तविक ग्राहक) |
Ship To Party | जिसे वस्तु डिलीवर की जा रही है (अक्सर ग्राहक का ग्राहक) |
Place of Supply | Bill To पार्टी के लोकेशन के आधार पर निर्धारित होता है |
🔶 4. ट्रांजैक्शन के प्रकार (Nature of Supply):
सप्लायर | खरीदार | रिसीवर | सप्लाई का प्रकार | लागू कर |
---|---|---|---|---|
राजस्थान | राजस्थान | गुजरात | Bill To पार्टी (राजस्थान) के अनुसार Intra-state | CGST + SGST |
राजस्थान | गुजरात | गुजरात | Bill To पार्टी (गुजरात) के अनुसार Intra-state | CGST + SGST |
गुजरात | राजस्थान | पंजाब | Inter-state | IGST |
⚠️ माल भले ही एक राज्य से दूसरे राज्य जाए, अगर सप्लायर और बिलिंग पार्टी एक ही राज्य में हैं तो सप्लाई Intra-state मानी जाएगी।
📊 5. विस्तृत उदाहरण (Advanced Example with Numbers):
पार्टी विवरण:
-
A Ltd. (Supplier): अजमेर, राजस्थान
-
B Ltd. (Bill To): जयपुर, राजस्थान
-
C Ltd. (Ship To): अहमदाबाद, गुजरात
माल का मूल्य: ₹1,00,000
GST दर: 18%
🧾 Tax Invoice by A Ltd. (to B Ltd.):
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Bill to: B Ltd., Jaipur
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Ship to: C Ltd., Ahmedabad
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Tax: CGST ₹9,000 + SGST ₹9,000
-
Total Invoice: ₹1,18,000
🧾 Tax Invoice by B Ltd. (to C Ltd.):
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Tax: IGST ₹18,000
-
Total Invoice: ₹1,18,000
📜 6. आवश्यक दस्तावेज़ (Documentation Required):
दस्तावेज़ | विवरण |
---|---|
Tax Invoice | "Bill to" और "Ship to" दोनों का स्पष्ट उल्लेख |
E-Way Bill | "Dispatch From", "Ship To", "Bill To", "Invoice No." स्पष्ट रूप से लिखें |
Transport Document | जैसे लोरी रसीद (LR), जिसमें delivery address सही हो |
Purchase Order Copy | ऑर्डर की स्पष्ट chain को समझने के लिए |
💼 7. व्यापारिक उपयोग के केस (Real-World Use Cases):
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Distributors/Stockists: बड़ी कंपनियां डिस्ट्रीब्यूटर को सामान भेजती हैं, लेकिन माल सीधे रिटेलर को भेजा जाता है।
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E-Commerce: Amazon, Flipkart आदि में बिलिंग कंपनी होती है और माल ग्राहक को भेजा जाता है।
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Job Work/Third Party Manufacturing: Principal manufacturer के निर्देश पर माल Job worker को भेजा जाता है।
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Exports: एक व्यापारी विदेशी पार्टी को माल बेचता है लेकिन माल directly port या logistic provider को भेजा जाता है।
📋 8. Bill to Ship to vs Third Party Billing – भ्रम न करें:
प्रकार | उद्देश्य | सप्लाई का आधार | Place of Supply |
---|---|---|---|
Bill to Ship to | तीसरे व्यक्ति के निर्देश पर माल भेजना | Section 10(1)(b) | Bill to पार्टी |
Third Party Billing | कमीशन एजेंट, intermediary | Section 2(93), agent | Actual delivery party |
⚠️ 9. ध्यान देने योग्य बातें (Important Considerations):
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सही तरीके से GSTIN और Address Invoice और E-way bill में लिखें
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Delivery Proof रखें (POD, LR Copy, Delivery Challan)
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GSTR-1 और GSTR-3B में दोनों सप्लाइज़ को अलग-अलग रिपोर्ट करें
-
Cross-state सप्लाई में mismatches से बचें
📌 10. निष्कर्ष (Conclusion):
“Bill to Ship to” एक ऐसा प्रावधान है जो GST कानून को व्यवहारिक वास्तविकताओं के अनुकूल बनाता है। यह व्यापारियों को लॉजिस्टिक लागत घटाने, माल की तेज डिलीवरी, और क्लियर टैक्स अनुपालन की सुविधा देता है।
✅ कानूनी समर्थन: Section 10(1)(b) – IGST Act
✅ लाभ: Cost saving, simplicity, documentation clarity
✅ उपयोग: Supply chain, third party orders, e-commerce, manufacturing
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