धारा 70 - गवाही देने और दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए व्यक्तियों को समन करने की शक्ति (Section 70 - Power to summon persons to give evidence and produce documents)
(1) इस अधिनियम के अंतर्गत, उचित अधिकारी (Proper Officer) को यह अधिकार है कि वह किसी भी व्यक्ति को समन (Summon) जारी कर सकता है यदि उसे ऐसा लगता है कि उसकी उपस्थिति किसी जांच (Inquiry) के लिए आवश्यक है। यह समन इस उद्देश्य से हो सकता है कि व्यक्ति:
-
गवाही दे (Give evidence), या
-
कोई दस्तावेज़ या अन्य वस्तु प्रस्तुत करे (Produce document or thing)।
यह समन सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (Code of Civil Procedure, 1908) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार होगा, जैसे किसी दीवानी अदालत में होता है।
(1A) [यह उपखंड वित्त अधिनियम, 2024 द्वारा जोड़ा गया है।]
हर ऐसा व्यक्ति जिसे उपखंड (1) के अंतर्गत समन किया गया है, वह:
-
अनिवार्य रूप से उपस्थित होना बाध्य होगा — या तो स्वयं (in person) या अपने अधिकृत प्रतिनिधि (authorised representative) के माध्यम से, जैसा अधिकारी निर्देश दे।
-
उपस्थित होने पर उसे सच बोलना होगा,
-
जांच के दौरान बयान देना होगा,
-
और दस्तावेज़ या अन्य वस्तुएं प्रस्तुत करनी होंगी, यदि मांगी जाएं।
(2) उपखंड (1) में बताई गई हर जांच को ऐसा माना जाएगा कि वह एक "न्यायिक कार्यवाही" (Judicial Proceedings) है —
जिसका अर्थ यह है कि इस जांच के दौरान अगर कोई झूठी गवाही देता है (धारा 193 IPC) या अदालत में अनुचित व्यवहार करता है (धारा 228 IPC), तो उस पर भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कार्यवाही हो सकती है।
📌 प्रभावी तिथि: 1 जुलाई, 2017 से लागू
📌 उपखंड (1A): 16 अगस्त, 2024 से लागू
old
No comments:
Post a Comment