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Friday, 2 May 2025

इनपुट टैक्स क्रेडिट और रिटर्न मिसमैच पर आधारित प्रमुख GST नियम: Rule 86B, 88C और 88D

Rule 86B – ITC के उपयोग पर प्रतिबंध
नियम:
जब किसी रजिस्टर्ड व्यक्ति का किसी महीने का कर योग्य टर्नओवर ₹50 लाख से अधिक हो, तो वह केवल 99% टैक्स ही ITC से चुका सकता है। 1% नकद में देना ज़रूरी है।
उदाहरण:
ABC ट्रेडर्स का जनवरी 2025 में कुल टैक्सेबल टर्नओवर ₹60 लाख है। उसकी आउटपुट टैक्स देनदारी ₹5 लाख है।
उसने ITC क्रेडिट लेजर में ₹10 लाख जमा कर रखा है।
तो:
ITC से अधिकतम 4,95,000 (₹5 लाख का 99%) का भुगतान कर सकता है
शेष ₹5,000 नकद में इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से देना अनिवार्य है
छूट की स्थिति:
अगर ABC ट्रेडर्स के मालिक ने पिछले दो सालों में ₹1 लाख से अधिक इनकम टैक्स दिया हो, तो यह 1% नकद भुगतान की बाध्यता नहीं लगेगी।

Rule 88C – GSTR-1 और GSTR-3B में कर में अंतर
नियम:
अगर आपने GSTR-1 में ₹10 लाख की टैक्स देनदारी दिखाई लेकिन GSTR-3B में केवल ₹8 लाख का टैक्स भरा, तो ₹2 लाख का अंतर है।

उदाहरण:
XYZ कंपनी ने GSTR-1 (मार्च 2025) में ₹12 लाख की सप्लाई दिखाई जिस पर टैक्स बनता है ₹2.16 लाख (18%)
लेकिन GSTR-3B में केवल ₹1.16 लाख टैक्स दिखाया गया।

तो:
सिस्टम DRC-01B भेजेगा
XYZ को 7 दिन में या तो ₹1 लाख टैक्स + ब्याज भरना होगा या अंतर स्पष्ट करना होगा
अगर नहीं किया:
Section 73 या 74 के तहत नोटिस आएगा और टैक्स + ब्याज + जुर्माना भरना पड़ सकता है।

Rule 88D – ITC में अंतर (GSTR-3B vs GSTR-2B)
नियम:
अगर GSTR-3B में ₹5 लाख ITC क्लेम किया गया, लेकिन GSTR-2B में केवल ₹4 लाख ITC दिख रहा है, तो ₹1 लाख का अंतर सिस्टम पकड़ेगा।
उदाहरण:
PQR Enterprises ने मार्च 2025 की GSTR-3B में ₹3 लाख ITC क्लेम किया।
GSTR-2B में केवल ₹2 लाख ITC दिखा।

तो:
DRC-01C के Part A में ₹1 लाख का अंतर दिखा कर सूचना भेजी जाएगी
7 दिन में या तो ₹1 लाख + ब्याज का भुगतान करें या कारण बताएं
अगर उत्तर नहीं दिया:
Section 73 या 74 के अंतर्गत टैक्स रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

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