1. Filing Appeals (अपील दाख़िल करना)
Taxpayer (Appellant):
ऑर्डर की सूचना प्राप्त होने की तारीख से 3 महीने के भीतर अपील दाख़िल करनी होती है।
Department:
ऑर्डर पारित होने की तारीख से 6 महीने के भीतर अपील दाख़िल की जा सकती है।
2. Condonation of Delay (Appeals) (देरी की क्षमा याचिका - अपील)
Taxpayer / Department:
यदि उचित कारण हो, तो अतिरिक्त 3 महीने तक की देरी को माफ किया जा सकता है।
3. Filing Cross-Objections (क्रॉस-ऑब्जेक्शन दाख़िल करना)
Taxpayer / Department:
नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 45 दिनों के भीतर क्रॉस-ऑब्जेक्शन दाख़िल करना आवश्यक है।
4. Respondent's Reply (उत्तरदाता का उत्तर)
Taxpayer / Department (जिन्होंने अपील दाख़िल नहीं की):
उत्तर पत्र (reply) 1 महीने के भीतर दाख़िल करना होता है।
5. Appellant's Rejoinder (अपीलकर्ता का प्रत्युत्तर)
Taxpayer / Department:
उत्तर प्राप्त होने के बाद 1 महीने के अंदर या Bench द्वारा निर्धारित समय के अनुसार प्रत्युत्तर दाख़िल करना है।
6. Rectification Application (संशोधन आवेदन)
Taxpayer / Department:
अंतिम आदेश प्राप्त होने के 1 महीने के भीतर संशोधन आवेदन किया जा सकता है।
7. Case Disposal (मामले का निपटान)
Taxpayer / Department:
यथासंभव 1 वर्ष के भीतर मामले का निपटारा होना चाहिए।
8. Order Pronouncement (आदेश का उच्चारण)
Taxpayer / Department:
सुनवाई की तारीख से 30 दिनों के भीतर आदेश पारित किया जाना चाहिए।
9. Rectification of Orders (आदेशों का संशोधन)
Taxpayer / Department:
मूल आदेश की तारीख से 3 महीने के भीतर संशोधन किया जा सकता है।
10. Amend Proceedings (कार्यवाही में संशोधन)
Taxpayer / Department:
Pleading की समाप्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर संशोधन की अनुमति है।
11. Continuance Application (निरंतरता हेतु आवेदन)
Taxpayer / Department:
संबंधित घटना के घटित होने के 60 दिनों के भीतर आवेदन दाख़िल किया जा सकता है।
12. Rectify Defective Documents (त्रुटिपूर्ण दस्तावेज़ों को सुधारना)
Taxpayer / Department:
दस्तावेज़ वापसी के 7 कार्यदिवस के भीतर, अधिकतम 30 दिनों तक त्रुटियाँ सुधारी जा सकती हैं।
13. Listing Urgent Matters (तत्काल मामलों की सूचीबद्धता)
Taxpayer / Department:
यदि मामला दोपहर 12 बजे से पहले दाख़िल किया गया है तो अगले दिन सूचीबद्ध किया जाएगा।
📝 महत्वपूर्ण सुझाव:
उपरोक्त समय सीमाएँ अनिवार्य हैं, अतः हर कार्यवाही के लिए निर्धारित समय के भीतर फ़ाइलिंग करना अत्यंत आवश्यक है।
यदि किसी कारणवश समय सीमा से चूक हो जाए तो "Condonation of Delay" के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है, बशर्ते उचित कारण दर्शाया जाए।
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