*आयकर अधिनियम की धारा 43B(h) – MSME को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने का नियम*
सरकार ने वित्त अधिनियम, 2023 के माध्यम से आयकर अधिनियम में धारा 43B(h) जोड़ी, जिसका मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म (Micro) और लघु (Small) उद्यमों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना था।
यह प्रावधान 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी हुआ और वित्त वर्ष 2023-24 से लागू हुआ है, वित्तीय वर्ष 2024-25 मे भी ध्यान रखना होगा।
इस प्रावधान के तहत, यदि कोई व्यवसाय MSME से माल या सेवाएं खरीदता है लेकिन 45 दिनों के भीतर भुगतान नहीं करता, तो उस खर्च को आयकर गणना में शामिल नहीं किया जाएगा।
धारा 43B(h) का उद्देश्य
1. MSME को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना ताकि उनका नकदी प्रवाह (Cash Flow) प्रभावित न हो।
2. बड़ी कंपनियों और व्यवसायों को MSME से जुड़े भुगतान समय पर करने के लिए बाध्य करना।
3. कर अनुपालन को पारदर्शी बनाना और MSME के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
MSME की परिभाषा और इसकी सीमा
MSME को सूक्ष्म (Micro), लघु (Small) और मध्यम (Medium) तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
सूक्ष्म (Micro) उद्यम: यदि किसी इकाई का निवेश 1 करोड़ रुपये तक है और टर्नओवर 5 करोड़ रुपये तक है।
लघु (Small) उद्यम: यदि किसी इकाई का निवेश 10 करोड़ रुपये तक है और टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक है।
मध्यम (Medium) उद्यम: यदि किसी इकाई का निवेश 50 करोड़ रुपये तक है और टर्नओवर 250 करोड़ रुपये तक है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि धारा 43B(h) केवल सूक्ष्म (Micro) और लघु (Small) उद्यमों पर लागू होती है। मध्यम (Medium) उद्यमों पर यह प्रावधान लागू नहीं होता।
समय पर भुगतान न करने पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यदि किसी व्यवसाय ने MSME से माल या सेवाएं खरीदी हैं, लेकिन 45 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया और 31 मार्च तक भी भुगतान नहीं हुआ, तो:
1. वह खर्च आयकर गणना में शामिल नहीं किया जाएगा और उस पर कर कटौती (Tax Deduction) का लाभ नहीं मिलेगा।
2. यदि 31 मार्च के बाद भुगतान किया जाता है, तो वह खर्च अगले वित्तीय वर्ष में कर गणना में जोड़ा जाएगा।
3. इससे कर योग्य आय बढ़ जाएगी और व्यवसाय को अधिक कर चुकाना पड़ेगा।
यदि 31 मार्च से पहले भुगतान हो जाता है, तो उस खर्च को कर कटौती के लिए मान्य माना जाएगा और आयकर में समायोजित किया जा सकेगा।
यह प्रावधान किन पर लागू नहीं होगा?
1. यदि विक्रेता मध्यम (Medium) या बड़े व्यवसायों की श्रेणी में आता है।
2. यदि विक्रेता MSME अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है।
3. यदि खरीद व्यापारियों (Traders) से की गई है, क्योंकि व्यापारी MSME अधिनियम के तहत नहीं आते।
4. यदि व्यवसायी 44AD (Presumptive Taxation) के तहत कर भरता है।
5. यदि खरीदी गई सेवा मीडिया, कानूनी सेवाओं, या कंसल्टेंसी से जुड़ी है।
क्या करना चाहिए?
1. MSME विक्रेताओं की पहचान और पुष्टि करें
सुनिश्चित करें कि आपके विक्रेता MSME अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं।
उनके Udyam Registration Number (URN) की जांच करें, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वे सूक्ष्म (Micro) या लघु (Small) श्रेणी में आते हैं।
2. समय पर भुगतान सुनिश्चित करें
MSME से खरीद के 45 दिनों के भीतर भुगतान करने की आदत डालें।
मार्च महीने में विशेष रूप से सतर्क रहें और 31 मार्च से पहले सभी लंबित भुगतान पूरे करें।
3. कर और लेखा रिकॉर्ड को अपडेट रखें
MSME को किए गए सभी भुगतान का रिकॉर्ड बनाए रखें।
सभी भुगतान प्रमाण (Payment Proof) को संग्रहीत करें, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
4. स्वचालित भुगतान प्रणाली अपनाएं
बिलिंग और भुगतान को स्वचालित (Automate) करें ताकि भुगतान में देरी से बचा जा सके।
क्लाउड-आधारित अकाउंटिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें ताकि सही समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
5. कर सलाहकार से परामर्श करें
यह सुनिश्चित करें कि आप धारा 43B(h) के अनुपालन में कोई गलती नहीं कर रहे हैं।
वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले सभी लंबित भुगतान निपटा लें, ताकि आपको अतिरिक्त कर भार न उठाना पड़े।
व्यावहारिक उदाहरण
उदाहरण 1: समय पर भुगतान किया गया
एक कंपनी ने 1 फरवरी 2024 को एक MSME विक्रेता से 5 लाख रुपये का माल खरीदा और 15 फरवरी 2024 को उसका भुगतान कर दिया।
परिणाम: यह खर्च कर कटौती के लिए मान्य होगा क्योंकि भुगतान 45 दिनों के भीतर किया गया है।
उदाहरण 2: देरी से भुगतान किया गया
एक व्यवसाय ने 1 जनवरी 2024 को एक MSME विक्रेता से 10 लाख रुपये की सेवाएं लीं, लेकिन 30 अप्रैल 2024 को भुगतान किया।
परिणाम: 31 मार्च 2024 तक भुगतान न होने के कारण, यह खर्च FY 2023-24 में कर कटौती के लिए मान्य नहीं होगा और कर योग्य आय बढ़ जाएगी। इस खर्च को अगले वित्तीय वर्ष में कर गणना में जोड़ा जाएगा।
धारा 43B(h) का उद्देश्य MSME को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना है, जिससे उनका वित्तीय संतुलन मजबूत बना रहे। यदि 31 मार्च तक MSME को भुगतान नहीं किया गया, तो वह खर्च कर गणना में मान्य नहीं होगा और व्यवसाय को अतिरिक्त कर भार उठाना पड़ेगा।
इसलिए, सभी व्यवसायों को यह नियम समझकर MSME से की गई खरीद का समय पर भुगतान करना चाहिए, ताकि उन्हें कर में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
महत्वपूर्ण बातें – क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
✔ MSME से की गई खरीद पर 45 दिनों के भीतर भुगतान करें।
✔ विक्रेता की MSME पंजीकरण स्थिति की पुष्टि करें।
✔ 31 मार्च से पहले सभी लंबित भुगतान निपटा लें।
✔ अकाउंटिंग सॉफ़्टवेयर और ऑटोमेशन का उपयोग करें ताकि भुगतान में देरी न हो।
✔ कर सलाहकार से परामर्श लें ताकि सभी अनुपालन पूरे किए जा सकें।
क्या न करें:
❌ MSME को 31 मार्च के बाद भुगतान करने की गलती न करें।
❌ बिना जांचे किसी व्यापारी (Trader) को MSME मानकर गलतफहमी न पालें।
❌ कर रिकॉर्ड और भुगतान का सही रिकॉर्ड बनाए रखने में लापरवाही न करें।
*"समय पर भुगतान करें – MSME को सशक्त बनाएं और अपने व्यवसाय को कर जोखिम से बचाएं!"*