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Wednesday, 25 December 2024

विषय: लीज़ पर लिए गए वैगनों के लिए ई-वे बिल (EWB) सिस्टम में रसीद नंबर दर्ज करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश

जीएसटी एडवाइजरी: 23 दिसंबर 2024          


 यह सलाह GSTN द्वारा लीज़ पर लिए गए वैगनों (Leased Wagons) के लिए ई-वे बिल (EWB) प्रणाली में रसीद नंबर दर्ज करने के लिए प्रक्रिया को स्पष्ट करने और त्रुटियों को रोकने के लिए जारी की गई है। इन निर्देशों का पालन कर आप न केवल अनुपालन सुनिश्चित करेंगे, बल्कि अपने माल के सुचारू परिवहन में भी मदद करेंगे।

1. रसीद नंबर दर्ज करने के लिए प्रीफिक्स का उपयोग

a) लीज़ पर लिए गए वैगनों के लिए (Leased Wagons):

  • लीज़ पर लिए गए वैगनों के माध्यम से माल का परिवहन करने वाले करदाताओं को रसीद नंबर के आगे "L" प्रीफिक्स जोड़ना होगा।
  • यह प्रीफिक्स दर्शाता है कि माल लीज़ पर लिए गए वैगन द्वारा ले जाया जा रहा है।

b) अन्य रेलवे मोड्स के लिए:

  • पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम (PMS): PWB नंबर दर्ज करते समय "P" प्रीफिक्स का उपयोग करें।
  • फ्रेट ऑपरेशन इंफॉर्मेशन सिस्टम (FOIS): RR नंबर दर्ज करते समय "F" प्रीफिक्स का उपयोग करें।

लागू तिथि:
यह प्रावधान 1 जनवरी 2025 से अनिवार्य होगा।


2. ई-वे बिल के पार्ट-B में रेल परिवहन का चयन

ई-वे बिल बनाते समय निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. मल्टी-ट्रांसपोर्ट मोड का चयन करें।
  2. पार्ट-B में परिवहन मोड "Rail" का चयन करें।
  3. रसीद नंबर के आगे संबंधित प्रीफिक्स जोड़कर सही प्रारूप में दर्ज करें।

उदाहरण:

  • यदि रसीद नंबर 987654321 है और माल लीज़ पर लिए गए वैगन में जा रहा है, तो इसे L987654321 के रूप में दर्ज करें।
  • यदि वही माल PMS के अंतर्गत जा रहा है, तो इसे P987654321 के रूप में दर्ज करें।

3. रसीद नंबर दर्ज करने का सही प्रारूप

लीज़ वैगनों के लिए प्रारूप:

L <रसीद नंबर>

  • उदाहरण: L123456789

PMS और FOIS के लिए प्रारूप:

  • PMS: P123456789
  • FOIS: F123456789

अधिक उदाहरण:



4. सत्यापन प्रक्रिया (Validation Process)

  • रसीद नंबर दर्ज करने के बाद, सिस्टम इसे प्रासंगिक डेटाबेस के साथ सत्यापित करेगा।
  • यदि रसीद नंबर या प्रीफिक्स गलत है, तो सिस्टम आपको अलर्ट करेगा।
  • करदाता को तुरंत त्रुटि सुधार कर सही नंबर दर्ज करना होगा।

सामान्य गलतियां:



5. मदद और समर्थन (Support)

यदि आपको किसी प्रकार की समस्या हो, तो निम्नलिखित मदद प्राप्त करें:

  1. ई-वे बिल सपोर्ट पोर्टल पर टिकट दर्ज करें।
  2. अपनी प्रविष्टि से संबंधित सभी विवरण (जैसे रसीद नंबर और प्रीफिक्स) प्रदान करें।
  3. अधिक सहायता के लिए जीएसटी हेल्पडेस्क से संपर्क करें।

6. विस्तृत उदाहरण और परिदृश्य (Scenarios):

परिदृश्य 1: लीज़ वैगन द्वारा परिवहन

  • रसीद नंबर: 678901234
  • दर्ज किया गया प्रारूप: L678901234
  • मोड: Rail

परिदृश्य 2: PMS द्वारा परिवहन

  • रसीद नंबर: 112233445
  • दर्ज किया गया प्रारूप: P112233445
  • मोड: Rail

परिदृश्य 3: FOIS द्वारा परिवहन

  • रसीद नंबर: 998877665
  • दर्ज किया गया प्रारूप: F998877665
  • मोड: Rail

7. महत्वपूर्ण सुझाव

  1. सटीक जानकारी दर्ज करें: सुनिश्चित करें कि रसीद नंबर और प्रीफिक्स सही हैं।
  2. डेटा को दोबारा जांचें: फाइनल सबमिशन से पहले रसीद नंबर और मोड का सत्यापन करें।
  3. प्रशिक्षण: अपने स्टाफ को इन नए निर्देशों के बारे में प्रशिक्षित करें।

Regard 
Adv Sarfaraj Ansari

Monday, 23 December 2024

55वीं GST काउंसिल बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय और बदलाव

55वीं GST काउंसिल बैठक के मुख्य निर्णय:

1. पोषित चावल के कर्नल्स - GST दर में कटौती
पोषित चावल के कर्नल्स पर GST दर को 5% कर दिया गया है।
उदाहरण: यदि कोई निर्माता पोषित चावल के कर्नल्स बनाता है, तो इन वस्तुओं पर अब 5% GST लगेगा, जो पहले उच्च दर पर था।

2. जीन थेरेपी और जीवन-रक्षक दवाइयों पर GST छूट
जीन थेरेपी और जीवन-रक्षक दवाइयों पर पूरी तरह से GST छूट दी जाएगी।
उदाहरण: दुर्लभ बीमारियों या आनुवंशिक विकारों के लिए उपयोग की जाने वाली दवाइयां अब GST से मुक्त होंगी, जिससे मरीजों का खर्च कम होगा।

3. मर्चेंट एक्सपोर्ट्स पर मुआवजा उपकर (Compensation Cess) में कमी
मर्चेंट एक्सपोर्ट्स को आपूर्ति करने पर मुआवजा उपकर को 0.1% कर दिया गया है।
उदाहरण: यदि आपूर्ति करने वाला किसी निर्यातक को 1,00,000 रुपये का माल बेचता है, तो अब मुआवजा उपकर केवल 100 रुपये होगा।

4. IAEA सैंपल्स पर IGST छूट
IAEA को भेजे गए सैंपल्स पर IGST छूट, विशिष्ट शर्तों के तहत।
उदाहरण: यदि किसी देश द्वारा वैज्ञानिक परीक्षण के लिए IAEA को सैंपल्स भेजे जाते हैं, तो इन वस्तुओं पर IGST नहीं लगेगा।

5. AAC ब्लॉक्स - GST स्पष्टीकरण
50% से अधिक फ्लाई ऐश सामग्री वाले ऑटोक्लेव्ड एराटेड कंक्रीट (AAC) ब्लॉक्स पर 12% GST लागू होगा।
उदाहरण: निर्माणकर्ता यदि 50% से अधिक फ्लाई ऐश सामग्री वाले AAC ब्लॉक्स का उपयोग करते हैं, तो उन्हें 12% GST देना होगा।

6. मुफ्त आपूर्ति के लिए खाद्य सामग्री इनपुट - GST छूट
मुफ्त आपूर्ति के लिए खाद्य तैयारी के लिए उपयोग किए गए इनपुट्स पर GST छूट।
उदाहरण: यदि एक चैरिटेबल संगठन गरीबों के लिए मुफ्त भोजन तैयार करता है, तो सामग्री पर GST नहीं लगेगा।

7. कृषि से हरी और काली मिर्च पर GST छूट
कृषि उत्पादकों द्वारा बेची गई हरी और काली मिर्च पर GST नहीं लगेगा।
उदाहरण: यदि एक किसान ताजे काले मिर्च को थोक विक्रेता को बेचता है, तो उसे GST नहीं देना होगा।

8. पेमेन्ट एग्रीगेटर्स - 2000 रुपये से कम की भुगतान प्रक्रिया पर GST छूट
पेमेन्ट एग्रीगेटर्स जो 2000 रुपये से कम के भुगतानों पर प्रक्रिया करते हैं, उन्हें GST छूट मिलेगी।
उदाहरण: यदि एक पेमेन्ट एग्रीगेटर छोटे ऑनलाइन लेन-देन को प्रोसेस करता है, तो उस पर GST नहीं लगेगा।

9. पेमेन्ट गेटवे पर छूट नहीं
पेमेन्ट एग्रीगेटर्स की छूट पेमेन्ट गेटवे पर लागू नहीं होगी।
उदाहरण: यदि एक पेमेन्ट गेटवे 2000 रुपये से ऊपर के भुगतानों की प्रक्रिया करता है, तो उस पर GST लगेगा।

10. बैंकों द्वारा पेनल शुल्क पर GST नहीं
बैंकों द्वारा उधारकर्ताओं से लिए गए पेनल शुल्क पर GST नहीं लगेगा।
उदाहरण: यदि उधारकर्ता कर्ज में चूक करता है, तो बैंक द्वारा लगाए गए पेनल शुल्क पर GST नहीं लगेगा।

11. बीमा प्रीमियम दरों में कटौती पर निर्णय नहीं
GST काउंसिल ने बीमा प्रीमियम पर दर कटौती या सामान्यीकरण पर कोई निर्णय नहीं लिया।
उदाहरण: स्वास्थ्य या जीवन बीमा प्रीमियम पर वर्तमान GST दर अपरिवर्तित रहेगी।

12. स्मॉल कंपनियों के लिए सरल GST पंजीकरण प्रक्रिया
छोटे कंपनियों के लिए GST पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए काउंसिल ने अवधारणा नोट को मंजूरी दी।
उदाहरण: अब छोटे व्यवसायों को GST पंजीकरण में कम अनुपालन बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।

13. प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड वस्तुओं की परिभाषा में विस्तार
प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड वस्तुओं की परिभाषा अब सभी रिटेल बिक्री के लिए तैयार वस्तुओं को शामिल करेगी।
उदाहरण: पैक किए गए खाद्य उत्पाद जैसे बिस्कुट या स्नैक्स अब इस परिभाषा के तहत आएंगे, जिससे GST के नियम समान होंगे।

14. वित्त मंत्री की मीडिया को सलाह
वित्त मंत्री ने मीडिया को दरों में कटौती या वृद्धि पर अटकलबाजी से बचने की सलाह दी।
उदाहरण: वित्त मंत्री ने कहा कि दरों में बदलाव के बारे में किसी भी समाचार को केवल आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित होना चाहिए, न कि मीडिया की अटकलबाजी पर।

15. रीयल एस्टेट क्षेत्र में FSI पर निर्णय स्थगित
रीयल एस्टेट क्षेत्र में FSI पर RCM या FCM की लागूता पर निर्णय स्थगित किया गया।
उदाहरण: रीयल एस्टेट डेवलपर्स को FSI पर GST लागू होने के बारे में और स्पष्टीकरण का इंतजार करना होगा।

16. ATF (एविएशन टरबाइन फ्यूल) को GST के तहत लाने पर सहमति नहीं
एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को GST के तहत लाने के प्रस्ताव पर सहमति नहीं हुई।
उदाहरण: एयरलाइंस को ईंधन पर राज्य-विशिष्ट VAT या अन्य करों का भुगतान जारी रखना होगा, न कि GST।

17. स्किल ट्रेनिंग काउंसिल के प्रशिक्षण भागीदारों को GST से छूट
स्किल ट्रेनिंग काउंसिल के प्रशिक्षण भागीदारों को GST से छूट मिलेगी।
उदाहरण: सरकारी योजनाओं के तहत कोर्स करने वाले प्रशिक्षण संस्थानों पर GST लागू नहीं होगा।

18. कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न और नमकीन पॉपकॉर्न पर GST का भिन्न treatment
कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न (जिसमें शक्कर मिलाई गई हो) को नमकीन पॉपकॉर्न से अलग तरीके से GST में treat किया जाएगा।
उदाहरण: शक्कर से तैयार कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर अलग दर से GST लगेगा, जबकि नमकीन पॉपकॉर्न पर अलग दर होगी।

19. नए EVs पर 5% GST
नए इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर 5% GST लागू होगा।
उदाहरण: यदि कोई ग्राहक नया इलेक्ट्रिक कार खरीदता है, तो उस पर 5% GST लगेगा।

20. दूसरे हाथ के EVs पर 18% GST
दूसरे हाथ के इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर 18% GST लगेगा।
उदाहरण: यदि कोई डीलर एक उपयोग की गई इलेक्ट्रिक कार बेचता है, तो उसे बिक्री के मुनाफे पर 18% GST देना होगा।


Regard
एडवोकेट
Sarfaraj Ansari

कंपोजीशन करदाताओं को बड़ी राहतव्यावसायिक किराए पर रिवर्स चार्ज खत्म 10 अक्टूबर 2024 से प्रभावी

🌟 महत्वपूर्ण GST अपडेट: कंपोजिशन करदाताओं के लिए 🌟

GST काउंसिल ने हाल ही में एक बड़ा बदलाव किया है जो छोटे करदाताओं, खासतौर पर कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वालों, को प्रभावित करेगा।

🔄 10 अक्टूबर 2024 से, रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) के तहत रजिस्टर्ड व्यक्तियों द्वारा अनरजिस्टर्ड व्यक्तियों से कमर्शियल प्रॉपर्टी किराए पर लेने पर GST लागू नहीं होगा, अगर किरायेदार कंपोजिशन करदाता है।

यह बदलाव कंपोजिशन करदाताओं को बड़ी राहत प्रदान करेगा, जो पहले RCM के तहत GST चुकाते थे लेकिन उसके लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं ले सकते थे।

मुख्य बिंदु:
1. यह राहत सिर्फ कंपोजिशन करदाताओं के लिए है, नियमित करदाताओं के लिए नहीं।

2. यह नियम 10 अक्टूबर 2024 से लागू होगा। पहले चुकाए गए टैक्स का रिफंड उपलब्ध नहीं होगा।

इस बदलाव के फायदे:
कम्प्लायंस में कमी: कंपोजिशन करदाताओं को अब इस प्रकार की लेनदेन पर RCM के तहत GST भरने की जरूरत नहीं है।

खर्चों में बचत: चूंकि कंपोजिशन करदाता ITC क्लेम नहीं कर सकते, यह बदलाव उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।

कोई रिफंड नहीं: 10 अक्टूबर 2024 से पहले चुकाए गए GST का रिफंड नहीं मिलेगा, इसलिए सही तिथि के बाद से इस नियम का पालन करें।

सलाह:
लेनदेन की समीक्षा करें: 10 अक्टूबर 2024 के बाद के सभी रेंटल एग्रीमेंट्स और लेनदेन की जांच करें।

रिकॉर्ड्स बनाए रखें: इस नियम के तहत सही दस्तावेज़ रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसे सिद्ध किया जा सके।

भूमि मालिकों को सूचित करें: रेंटल देने वालों को इस बदलाव के बारे में जानकारी दें ताकि अनावश्यक GST चालान से बचा जा सके।

यह अपडेट छोटे करदाताओं को राहत देने और उनके अनुपालन बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

Regard
Advocate
Sarfaraj Ansari

Sunday, 1 December 2024

उच्च न्यायालय का निर्देश, आदेश से पहले व्यक्तिगत सुनवाई अनिवार्यप्राकृतिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जीएसटी विभाग की सख्त कार्रवाई जारी किया Circular (नम्बर- 1518)

उत्तर प्रदेश जीएसटी विभाग ने अधिकारियों को करदाताओं के खिलाफ आदेश पारित करने से पहले उचित व्यक्तिगत सुनवाई प्रदान करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह कदम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कई आदेशों के बाद उठाया गया है, जिसमें व्यक्तिगत सुनवाई न देने को प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन के रूप में देखा गया।

धारा 75(4) के तहत यह अनिवार्य है कि यदि करदाता सुनवाई की मांग करता है या प्रतिकूल निर्णय की संभावना है, तो व्यक्तिगत सुनवाई दी जानी चाहिए। हाल ही में, अदालत ने सुनवाई के बिना पारित आदेशों को रद्द कर दिया और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सुनवाई की तारीख और समय स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट हों। इसके साथ ही, जिन अधिकारियों ने इस नियम का पालन नहीं किया, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।

28 नवंबर 2024 को Circular संख्या 1518 जारी किया गया, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं कि आदेश पास करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर दिया जाए।