GST कानून में ITC से संबंधित प्रावधानों का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि आपका ITC क्लेम नियमों के अनुरूप हो और आप किसी भी संभावित पेनल्टी या दंड से बच सकें। यहाँ कुछ मुख्य नियम और धाराओं का विवरण है जो FY 2023-24 के लिए ITC क्लेम करने में आपकी सहायता करेंगे:
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1. ITC पात्रता और आवश्यक शर्तें
धारा 16: ITC पात्रता और आवश्यक शर्तों का प्रावधान करती है, जिसमें केवल वे ही इनपुट क्रेडिट क्लेम किए जा सकते हैं जो व्यवसाय के लिए उपयोग में आए हैं।
धारा 16(2)(c): यह स्पष्ट करती है कि ITC क्लेम तभी मान्य है जब सप्लायर द्वारा सरकार को टैक्स का भुगतान किया गया हो। अगर सप्लायर ने टैक्स नहीं जमा किया है, तो ITC क्लेम अवैध हो सकता है।
धारा 16(4): ITC क्लेम की समयसीमा के अनुसार, वित्तीय वर्ष समाप्ति के बाद अक्टूबर माह की GSTR-3B दाखिल करने की अंतिम तिथि या वार्षिक रिटर्न की अंतिम तिथि (जो भी पहले हो) तक ही ITC क्लेम कर सकते हैं।
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2. इनवॉइस मैचिंग और ITC मिलान प्रक्रिया
धारा 37 और 38: यह धाराएं GSTR-1 और GSTR-2B के माध्यम से इनवॉइस के विवरण दाखिल करने के प्रावधान करती हैं। इसमें दोनों पक्षों (सप्लायर और खरीदार) द्वारा इनवॉइस डेटा का मिलान सुनिश्चित किया जाता है।
रूल 36(4): इस नियम के अनुसार, केवल उन्हीं इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्लेम किया जा सकता है जो GSTR-2B में उपलब्ध हों; मैन्युअल प्रविष्टियों पर प्रतिबंध है।
धारा 42: इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट का मिलान और संशोधन प्रक्रिया का उल्लेख है, जिससे किसी भी गलत ITC को सही किया जा सकता है।
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3. सप्लायर कंप्लायंस की समीक्षा और ITC पर प्रभाव
धारा 16(2)(c): यह उपधारा ITC को सप्लायर द्वारा किए गए टैक्स भुगतान से जोड़ती है। अगर सप्लायर टैक्स जमा नहीं करता है, तो ITC अमान्य हो सकता है।
धारा 122(1A): इसके तहत, अगर सप्लायर टैक्स जमा नहीं करता है और ITC का लाभ लिया गया है, तो क्लेम करने वाले पर पेनल्टी लगाई जा सकती है। इसलिए सप्लायर की GSTR फाइलिंग स्थिति की नियमित समीक्षा आवश्यक है।
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4. ब्लॉक्ड क्रेडिट्स (अवरुद्ध क्रेडिट्स)
धारा 17(5): इसमें उन क्रेडिट्स की सूची दी गई है जिन पर ITC का लाभ नहीं लिया जा सकता, जैसे कि मोटर वाहन, मनोरंजन सेवाएं, भोजन, यात्रा, व्यक्तिगत उपयोग के सामान, आदि।
इन वस्तुओं और सेवाओं पर ITC नहीं लिया जा सकता है, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वैध और अनुमत इनपुट टैक्स क्रेडिट ही क्लेम किए जा रहे हैं।
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5. प्रोविजनल ITC और कैरी-फॉरवर्ड क्रेडिट्स
धारा 41: इस धारा के अनुसार, प्रोविजनल ITC का क्लेम अस्थायी होता है और सप्लायर द्वारा टैक्स जमा न करने की स्थिति में उसे वापस भुगतान करना होता है।
धारा 16: पुराने या कैरी-फॉरवर्ड किए गए क्रेडिट्स का उपयोग तभी किया जा सकता है जब वे वैध हों और संबंधित टैक्स का भुगतान किया गया हो।
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6. रिकॉर्ड कीपिंग और दस्तावेजीकरण
धारा 35: यह धारा GST रिकॉर्ड रखने और सभी ITC क्लेम्स का दस्तावेजीकरण करने के प्रावधानों को बताती है, ताकि भविष्य में ऑडिट के समय सभी क्लेम सही ठहराए जा सकें।
धारा 36: इसके अनुसार, सभी GST संबंधित दस्तावेजों को 72 महीने तक सुरक्षित रखना आवश्यक है।
धारा 49: ITC को भुगतान के रूप में कैसे उपयोग किया जाए, इस पर प्रावधान देती है। इस धारा का पालन करते हुए, सभी दस्तावेज और क्लेम वैध और ट्रेसबल बनाए जा सकते हैं।
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इन प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करके ITC क्लेम को मजबूत, वैध और नियमों के अनुसार पूरा किया जा सकता है।
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