इस साल का आधा वर्ष बीत चुका है इसलिए जो एकाउंट्स को लेकर जो तकलीफें इस वर्ष आई है वो नहीं आये इसलिए आपको इस माह क्या क्या करना है उसकी एक लिस्ट दे रहे है. यह शुरुआत है आपकी 6 माह की बैलेंस शीट बनने की और इसके लिए आप अपने अकाउंटेट के लगातार संपर्क में रहे और उनकी मदद करें ताकि सब कुछ 31 अक्तूबर तक तो व्यवस्थित हो सके
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एक बार चेक कर ले कि कहीं आपके एकाउंट्स केवल उतने ही तो नहीं बने है जिनसे GST के मासिक रिटर्न जा सकते हैं. यदि ऐसा है तो अपने अकाउंटेट को सहयोग देकर एकाउंट्स पूरे करवाए और अभी 31 अक्तूबर तक एक बार 6 माह की बैलेंस शीट बनाने की तैयारी शुरु करे ताकि आगे का काम आसान हो जाए. यही काम आपको 31 दिसम्बर और 31 मार्च को करना है फिर पूरे साल के अकाउंट आप 30 अप्रैल तक ही बना लेंगे. साथ ही 6 माह की श खर्च और स्टॉक की स्तिथि भी देख ले और इसे नियमित रूप से देखते रहे
सबसे पहले बैंक अकाउंट करें कि यह पूरी तरह से मिला हुआ है और यदि नहीं तो इसे पूरा करवाए इसमें जिन लोगों से पैसा आया है या जिन लोगों को पैसा दिया है उसे सस्पेंस या Name Pending में लिया गया है तो उनके नाम तुरंत ठीक करवा में क्यों कि अभी तो आपको याद रहेगा ज्यादा लंबा समय निकल गया तो आप इन्हें भूल जायेंगे आगे से यह काम नियमित रूप से हर माह कर लिया करें इसके लिए जब भी भुगतान करें या प्राप्त करे तो अपनी डायरी में लिख ले, बैंक व्यवहारों के लिए अलग से एक डायरी रखें ताकि आने वाले पैसे और दिए जाने वाले पैसे के नाम एकाउंट्स में लिखवाने में कोई गलती नहीं है. अपने खरीद और बिक्री के बिल चेक कर ले उनकी एंट्री सही से हुई है इसके साथ ही डेबिट एवं क्रेडिट नोट भी देख ले जिन विक्रेताओं ने आपको माल बेचा और इनपुट क्रेडिट नहीं दी है
तो उनसे संपर्क करें. यदि वे टैक्स नहीं भर रहे हैं तो फिर इस टैक्स की जिम्मेदारी आपकी है
फिर इनके साथ बात कर आपको क्या करना है यह निश्चित करें. अपने GST में 6 माह के भरे रिटर्न भी चेक कर ले साथ ही इनपुट क्रेडिट और बना हुआ टैक्स भी कर से आपकी बुक्स GST के पोर्टल पर जो आपका लेजर आ रहा है उसे जरूर मैच कर ले इसमें बहुत बड़ा अंतर किसी परेशानी का कारण बन सकता है. इस | अंतर का कारण मालूम करें और उसका निवारण करें.
यह तो अभी शुरुआत है अगले माह आपको फिर और बताएँगे कि आप और क्या क्या करें कि आप आसानी से व्यापार भी कर सके और आपके खाते भी सही से रख सके, इसमें सिर्फ ध्यान देने की ही तो बात है एक बार आपने ध्यान देना शुरू किया तो सब आसान हो जाएगा:
@सुधीर हालाखंडी
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