Friday 7 February 2020

इधर कैश में लेन-देन किया उधर मैसेज पर आ जाएगा इनकम टैक्स का नोटिस, अब होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन को लेकर टैक्सपेयर से सीधा संपर्क कर सकता है. साथ ही विभाग SMS, मेल के जरिए ट्रांजैक्शन की डिटेल्स मांगी जा सकती है.


नई दिल्ली. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) अब हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन (High Value Transaction) की रियल टाइम मॉनिटरिंग (Real Time Monitoring) करेगा. साथ ही रिटर्न भरते समय प्री-फिल्ड फॉर्म (Pre-Filled Form) में कैपिटल गेन (Capital Gain), डिविडेंड (Dividend) और ब्याज (Interest) से होने वाली कमाई की डिटेल्स की जानकारी पहले से होगी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) ट्रांजैक्शन को लेकर टैक्सपेयर से सीधा संपर्क कर सकता है. साथ ही विभाग SMS, मेल के जरिए ट्रांजैक्शन की डिटेल्स मांगी जा सकती है.
हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन्स पर टैक्स विभाग की निगरानी

हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन पर IT विभाग की नजर होगी. आयकर विभाग बैंक ट्रांजैक्शन की रियल टाइम निगरानी करेगा. IT विभाग ट्रांजैक्शन को लेकर टैक्सपेयर से सीधा संपर्क कर सकता है. साथ ही विभाग SMS, मेल के जरिए ट्रांजैक्शन की डिटेल्स मांगी जा सकती है. बता दें कि अभी कहाईवैल्यू ट्रांजेक्शन्स की बैंक सीधे टैक्स विभाग को नहीं देते हैं केवल ट्रांजैक्शन की मासिक, तिमाही डिटेल दी जाती हैं. टैक्सपेयर से संपर्क के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा. 
हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन पर IT विभाग की नजर होगी. आयकर विभाग बैंक ट्रांजैक्शन की रियल टाइम निगरानी करेगा. IT विभाग ट्रांजैक्शन को लेकर टैक्सपेयर से सीधा संपर्क कर सकता है. साथ ही विभाग SMS, मेल के जरिए ट्रांजैक्शन की डिटेल्स मांगी जा सकती है. बता दें कि अभी कहाईवैल्यू ट्रांजेक्शन्स की बैंक सीधे टैक्स विभाग को नहीं देते हैं केवल ट्रांजैक्शन की मासिक, तिमाही डिटेल दी जाती हैं. टैक्सपेयर से संपर्क के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा
प्री-फिल्ड रिटर्न में बदलाव
अब प्री-फिल्ड रिटर्न में MF, शेयर से कमाई का ब्यौरा देना होगा. डिविडेंड, ब्याज इनकम भी फॉर्म में पहले से दिखेगी. डिविडेंड पर TDS की जानकारी फॉर्म-16 (Form-16) में देनी होगी. 5,000 रुपये से ज्यादा डिविडेंट इनकम पर टीडीएस काटने का नियम है. बता दें कि स्वीडन जैसे कुछ देश प्री-फिल्ड टैक्स रिटर्न फॉर्म के कॉन्सेप्ट को सफलतापूर्वक लागू कर चुके हैं. भारत ने पिछले साल सीमित रूप से इसकी शुरुआत की थी. IT विभाग इसके लिए एजेंसियों से जानकारी जुटाएगा. ये जानकारी विभाग को SEBI, RBI और बैंकों से मिलेगी.

Source:-https://hindi.news18.com/amp/news/business/high-value-transactions-and-other-income-to-be-monitored-by-income-tax-department-2840941.html?__twitter_impression=true

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