टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (TDS) आपके इनकम के सोर्स से इनकम टैक्स कलेक्ट करने का एक तरीका है। यह कई तरह के इनकम पर लागू होता है। मसलन, कंपनी सैलरी, बैंक FD पर मिलने वाला इंट्रेस्ट, फ्रीलांसरों को दिया जानेवाला पेमेंट, वकीलों को दी जानेवाली फी, इत्यादि।
लेकिन TDS इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आपके द्वारा दिया जानेवाला फाइनल टैक्स अमाउंट नहीं है, बल्कि आपकी वास्तविक टैक्स देनदारी इससे अधिक या कम हो सकती है। इसलिए, यदि एक वित्त वर्ष के दौरान काटा गया कुल TDS, आपकी वास्तविक टैक्स देनदारी से अधिक है तो आप कुल TDS में से अपनी टैक्स देनदारी को घटाने के बाद शेष TDS अमाउंट को वापस करने का अनुरोध कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक फाइनैंशल इयर के दौरान आपका कुल TDS 80,000 रु. था, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय पता चलता है कि आपकी वास्तविक टैक्स देनदारी सिर्फ 30,000 रु. है तो आप 50,000 रु. का TDS रिफंड पाने के हकदार होंगे।
TDS रिफंड के लिए क्लेम करने का तरीका
TDS रिफंड के लिए क्लेम करने के लिए आपको संबंधित आकलन वर्ष (AY) में अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना पड़ेगा। बिना जुर्माना दिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख आम तौर पर संबंधित आकलन वर्ष की 31 जुलाई होती है (AY पिछले फाइनैंशल वर्ष के ठीक बाद वाला फाइनैंशल वर्ष होता है, उदाहरण के लिए FY 2018-19, FY 2017-18 का आकलन वर्ष है।)
ITR फाइल करते समय आपके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर स्क्रीन पर ‘रिफंड’ कॉलम के नीचे रिफंड की रकम दिखाई देगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके ITR को प्रॉसेस करने, उसकी सटीकता की जांच करने और उसे स्वीकार कर लेने के बाद आपको सूचित करेगा। टैक्सपेयर को धारा 143(I) के अंतर्गत ‘टैक्स कैलकुलेशन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ मैच हो गया है, ‘टैक्स कैलकुलेशन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ मैच नहीं कर रहा है’ या ‘कैलकुलेशन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ मैच हो गया है और रिफंड का क्लेम स्वीकार कर लिया गया है’ जैसी सूचनाएं दी जाती हैं।
यदि आप ऑनलाइन अपना ITR फाइल करते हैं और आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कर लिया है तो आपको SMS के माध्यम से भी ITR की प्रॉसेसिंग के बारे में सूचना मिल सकती है। आपको बैंक अकाउंट का डीटेल देने के लिए कहा जाएगा जिसमें आप रिफंड लेना चाहते हैं यदि आप ऑनलाइन रिटर्न फाइल कर रहे हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए मूल्यांकन चक्र के समापन के बाद रिफंड की रकम आपके अकाउंट में जमा हो जाएगी। ऑफलाइन रिफंड के लिए टैक्सपेयर के नाम से एक चेक जारी किया जाएगा।
TDS रिफंड पर इंट्रेस्ट
यदि टैक्सपेयर संबंधित मूल्यांकन वर्ष की 31 जुलाई से पहले रिफंड के लिए क्लेम करते हुए ITR फाइल करता है तो टैक्सपेयर संबंधित आकलन वर्ष के 1 अप्रैल से लेकर रिफंड ग्रांट होने की तारीख तक की अवधि के लिए रिफंड अमाउंट पर इंट्रेस्ट प्राप्त करने का हकदार होता है। यदि रिटर्न संबंधित आकलन वर्ष की 31 जुलाई के बाद फाइल किया गया है तो इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन ITR फाइल करने की तारीख से लेकर रिफंड ग्रांट होने की तारीख तक की अवधि के लिए किया जाता है। वर्तमान में रिफंड अमाउंट पर 6% सालाना की दर से इंट्ररेस्ट दिया जाता है। रिफंड पर मिलनेवाले इंट्रेस्ट पर टैक्स लगता है और उसे उस फाइनैंशल इयर के लिए टैक्सपेयर के टोटल इनकम में जोड़ दिया जाता है जिस फाइनैंशल वर्ष में इंट्रेस्ट प्राप्त हुआ है।
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