आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 11
┌───────────────────────────┐
│ क्या ट्रस्ट/संस्था │
│ धारा 12AB में पंजीकृत है? │
└───────────┬───────────────┘
│
हाँ ───────────┘
│
┌─────────────▼─────────────┐
│ क्या आय ट्रस्ट की │
│ संपत्ति से प्राप्त हुई है │
│ जो धर्मार्थ/धार्मिक हेतु │
│ धरी है? │
└─────────────┬─────────────┘
│
हाँ ───────────┘
│
┌──────────────────▼───────────────────┐
│ आय का कम से कम 85% भारत में │
│ धर्मार्थ/धार्मिक प्रयोजन में │
│ उसी वर्ष खर्च होना चाहिए। │
└──────────────────┬───────────────────┘
│
┌───────────हाँ─────┘
│
▼
┌───────────────┐
│ छूट योग्य आय │
└───────────────┘
│
नहीं ────────────┘
│
┌──────────────────────▼──────────────────────┐
│ शेष राशि (15% से अधिक) संचय करने हेतु: │
│ - अधिकतम 5 वर्ष तक │
│ - Form 10 दाखिल करना │
│ - निवेश धारा 11(5) के तहत │
└──────────────────────┬──────────────────────┘
│
┌───────────▼───────────┐
│ क्या शर्तें पूरी हैं? │
└───────────┬───────────┘
│
हाँ ──────────┘
│
┌────────▼────────┐
│ छूट योग्य आय │
└─────────────────┘
धारा 12 – ट्रस्ट या संस्थाओं की अंशदान से आय
(1) स्वैच्छिक अंशदान की आय
-
अगर कोई ट्रस्ट या संस्था, जो पूरी तरह से धार्मिक या परोपकारी (charitable) उद्देश्यों के लिए बनाई गई है,
कोई स्वैच्छिक अंशदान प्राप्त करती है,
तो उसे धारा 11 के अंतर्गत ट्रस्ट की संपत्ति से प्राप्त आय माना जाएगा। -
लेकिन कॉर्पस (Corpus) दान — यानी ऐसे दान जिनके बारे में दाता ने स्पष्ट निर्देश दिया हो कि यह राशि ट्रस्ट के स्थायी कोष में जोड़ी जाए — को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।
-
इन पर धारा 11 और धारा 13 के प्रावधान लागू होंगे।
(2) सेवाओं का मूल्य (Value of Services)
-
अगर कोई धार्मिक/परोपकारी ट्रस्ट जो अस्पताल, चिकित्सा संस्थान या शैक्षणिक संस्थान चला रहा है,
अपने संस्थान की मुफ्त या रियायती दर पर सेवाएं देता है —
और वह सेवाएं उन व्यक्तियों को दी जाती हैं जो धारा 13(3) में बताए गए related persons हैं (जैसे संस्थापक, ट्रस्टी, मैनेजर, उनके रिश्तेदार आदि),
तो उस सेवा का मूल्य उसी साल की आय मानी जाएगी और उस पर टैक्स लगेगा। -
यहां "मूल्य" से मतलब है — वह फायदा या सुविधा जो मुफ्त या रियायती दर पर दी गई हो।
(3) गुजरात भूकंप राहत के लिए प्राप्त दान (Special Rule)
-
धारा 80G(2)(d) के तहत गुजरात भूकंप राहत के लिए जो दान ट्रस्ट या संस्था को मिला है:
-
अगर उस दान का आय-व्यय का विवरण समय पर निर्धारित प्राधिकारी को नहीं दिया गया,
-
या उस दान का उपयोग राहत कार्यों के अलावा किसी और उद्देश्य में किया गया,
-
या 31 मार्च 2004 तक Prime Minister's National Relief Fund में ट्रांसफर नहीं किया गया,
तो वह राशि उसी साल की आय मानी जाएगी और उस पर टैक्स लगेगा।
-
संक्षिप्त फ्लोचार्ट
धारा 12A – धारा 11 और 12 लागू होने की शर्तें
धारा 11 और 12 के तहत ट्रस्ट/संस्था की आय पर छूट तभी मिलेगी जब नीचे दी गई शर्तें पूरी हों:
1. पंजीकरण से संबंधित शर्तें
(a) पुराने प्रावधान (1 जुलाई 1973 से पहले या निर्माण के 1 वर्ष के भीतर)
-
ट्रस्ट/संस्था को प्रिस्क्राइब्ड फॉर्म और तरीके से Principal Commissioner / Commissioner के पास पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
-
अगर देरी से आवेदन किया है, तो छूट:
-
निर्माण की तारीख से मिलेगी, अगर अधिकारी को लिखित कारण से संतोष हो कि देरी उचित कारणों से हुई।
-
अन्यथा आवेदन वाले वित्तीय वर्ष के पहले दिन से मिलेगी।
-
-
यह प्रावधान 1 जून 2007 के बाद लागू नहीं।
(aa) 1 जून 2007 के बाद
-
आवेदन प्रिस्क्राइब्ड फॉर्म और तरीके से करना होगा।
-
पंजीकरण धारा 12AA में होना चाहिए।
(ab) अगर ऑब्जेक्ट्स बदले
-
अगर पंजीकरण मिलने के बाद ट्रस्ट/संस्था के उद्देश्यों (objects) में बदलाव हुआ है और वे पंजीकरण की शर्तों से मेल नहीं खाते,
तो 30 दिनों में आवेदन कर पुनः पंजीकरण लेना होगा।
(ac) नए पंजीकरण के केस
-
निम्न परिस्थितियों में प्रिस्क्राइब्ड फॉर्म व तरीके से आवेदन करना होगा और पंजीकरण धारा 12AB में होगा:
-
पुराने 12A/12AA पंजीकृत ट्रस्ट — 1 अप्रैल 2021 से 3 महीने के भीतर।
-
12AB पंजीकृत/10(23C) अनुमोदित और पंजीकरण/अनुमोदन की अवधि समाप्त हो रही है — समाप्ति से 6 महीने पहले।
-
प्रोविजनली पंजीकृत — समाप्ति से 6 महीने पहले या गतिविधि शुरू होने के 6 महीने के भीतर (जो पहले हो)।
-
धारा 11(7) की पहली प्रोविजो के कारण पंजीकरण निष्क्रिय — संबंधित AY से 6 महीने पहले।
-
ऑब्जेक्ट्स में गैर-अनुरूप बदलाव — 30 दिनों में।
-
अन्य केस:
-
गतिविधि शुरू नहीं हुई: संबंधित AY से 1 माह पहले।
-
गतिविधि शुरू हो चुकी है और पहले कोई छूट नहीं ली: कभी भी आवेदन कर सकते हैं।
-
-
-
देरी होने पर, अगर उचित कारण हो, तो अधिकारी देरी माफ कर सकते हैं।
2. बुक्स और ऑडिट से संबंधित शर्तें
-
अगर कुल आय (बिना धारा 11 और 12 की छूट) नॉन-टैक्सेबल लिमिट से ज्यादा है:
-
बुक्स और डॉक्यूमेंट्स निर्धारित तरीके और स्थान पर रखना।
-
ऑडिट रिपोर्ट (सेक्शन 288(2) के तहत एकाउंटेंट द्वारा) सेक्शन 44AB में बताई गई समय-सीमा तक देना।
-
3. रिटर्न फाइलिंग की शर्त
-
धारा 139(4A) के तहत ITR समय पर फाइल करना (सेक्शन 139(1) या 139(4) के समय-सीमा में)।
4. आवेदन की तारीख से प्रभाव
-
1 जून 2007 के बाद के आवेदन के लिए छूट:
-
उसी AY से मिलेगी जो आवेदन वाले FY के बाद आता है।
-
-
विशेष केस:
-
धारा 12A(1)(ac)(i) — पहले से पंजीकरण वाले केस में पुरानी तारीख से छूट।
-
धारा 12A(1)(ac)(iii) — प्रोविजनल पंजीकरण वाले केस में उसी AY से छूट जिसके लिए प्रोविजनल मिला था।
-
संक्षिप्त फ्लोचार्ट
धारा 12AB – नये पंजीकरण की प्रक्रिया (Fresh Registration)
(धारा 12A(1)(ac) के तहत आवेदन प्राप्त होने पर)
1. आवेदन प्राप्त होने पर कार्रवाई
(a)
-
यदि आवेदन sub-clause (i) के तहत है →
प्रधान आयकर आयुक्त/आयुक्त लिखित आदेश द्वारा 5 वर्ष के लिए पंजीकरण देंगे।
(नोट: यदि पिछले 2 वर्षों की कुल आय ₹5 करोड़ से कम है तो यह अवधि 10 वर्ष होगी)
(b)
-
यदि आवेदन sub-clause (ii), (iii), (iv), (v) या item (B) of sub-clause (vi) के तहत है:
-
ट्रस्ट/संस्था से आवश्यक दस्तावेज़/जानकारी मंगवाई जाएगी और जांच की जाएगी:
-
(A) गतिविधियों की सच्चाई (Genuineness)
-
(B) अन्य लागू कानूनों का पालन (जो उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक हों)
-
-
यदि अधिकारी संतुष्ट है:
-
5 वर्ष के लिए पंजीकरण देंगे (₹5 करोड़ से कम आय पर → 10 वर्ष)
-
-
यदि अधिकारी संतुष्ट नहीं है:
-
आवेदन अस्वीकार कर देंगे और (कुछ मामलों में) पंजीकरण रद्द भी कर सकते हैं
-
अस्वीकृति से पहले सुनवाई का अवसर देना अनिवार्य है
-
-
(c)
-
यदि आवेदन item (A) of sub-clause (vi) के तहत है →
Provisional Registration दिया जाएगा (3 वर्ष के लिए)-
यह पंजीकरण उस असेसमेंट वर्ष से लागू होगा, जिससे पंजीकरण मांगा गया है।
-
2. समय-सीमा
-
क्लॉज (a) के मामले में → आवेदन प्राप्ति माह के अंत से 3 माह में आदेश
-
क्लॉज (b) के मामले में → आवेदन प्राप्ति तिमाही के अंत से 6 माह में आदेश
-
क्लॉज (c) के मामले में → आवेदन प्राप्ति माह के अंत से 1 माह में आदेश
3. पंजीकरण रद्द करने की स्थिति (Specified Violations)
यदि पंजीकरण के बाद नीचे दिए गए में से कोई उल्लंघन पाया गया तो पंजीकरण रद्द किया जा सकता है:
-
आय को ट्रस्ट के उद्देश्यों के अलावा अन्य कार्यों में लगाना
-
व्यावसायिक आय उद्देश्यों के अनुरूप न होना या अलग बही-खाता न रखना
-
निजी धार्मिक उद्देश्यों के लिए आय लगाना (जो सार्वजनिक हित में न हो)
-
नए ट्रस्ट द्वारा किसी एक धार्मिक समुदाय/जाति के हित में आय लगाना
-
गतिविधियां नकली हों या शर्तों के अनुरूप न हों
-
अन्य कानून का उल्लंघन (और उस पर आदेश/डिक्री अंतिम हो चुका हो)
-
आवेदन में गलत या झूठी जानकारी देना
4. पंजीकरण रद्द करने की समय-सीमा
-
नोटिस जारी होने वाली तिमाही के अंत से 6 माह के भीतर आदेश पारित करना होगा।
चरण | कार्य | विवरण | समयसीमा |
---|---|---|---|
1 | आवेदन दाखिल | फॉर्म 10A (नए पंजीकरण/नवीनीकरण/प्रोविजनल से रेगुलर) या 10AB (संशोधन/रिन्यूअल) को ई-फाइल करना | |
2 | दस्तावेज अपलोड | ट्रस्ट डीड/पंजीकरण प्रमाणपत्र, पैन, मेमोरेंडम, गतिविधि रिपोर्ट, ऑडिट रिपोर्ट आदि अपलोड करना | साथ में फॉर्म जमा करते समय |
3 | AO/प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जाँच | आवेदन और दस्तावेजों की जांच, आवश्यक होने पर स्पष्टीकरण/अतिरिक्त दस्तावेज मांगना | आवेदन प्राप्त होने से 3 माह के भीतर |
4 | पंजीकरण जारी / अस्वीकृत | अधिकारी संतुष्ट होने पर Form 10AC के तहत पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करेगा, अन्यथा अस्वीकृति आदेश देगा | 3 माह के भीतर |
5 | वैधता अवधि | सामान्यतः पंजीकरण की वैधता 5 वर्ष (प्रोविजनल पंजीकरण 3 वर्ष के लिए) | |
6 | नवीनीकरण | पंजीकरण समाप्त होने से कम से कम 6 माह पहले फॉर्म 10AB के माध्यम से नवीनीकरण आवेदन | |
7 | संशोधन | किसी भी वस्तु, उपविधि, नियम में परिवर्तन होने पर 30 दिन के भीतर फॉर्म 10AB से सूचित करना |
नया ट्रस्ट/संस्थान पहले प्रोविजनल पंजीकरण (3 वर्ष) लेगा।
-
गतिविधियाँ शुरू होने के बाद रेगुलर पंजीकरण (5 वर्ष) लेना होगा।
-
12AB पंजीकरण के बिना धारा 11 और 12 के लाभ नहीं मिलेंगे।
-
ऑनलाइन पंजीकरण Income Tax e-Filing Portal के माध्यम से होता है।
धारा 12AB ऑनलाइन पंजीकरण (Income Tax e-Filing Portal पर)
चरण | कार्य | विवरण |
---|---|---|
1 | पोर्टल पर लॉगिन | https://www.incometax.gov.in पर जाएँ और ट्रस्ट/संस्थान का यूजर आईडी (PAN) और पासवर्ड से लॉगिन करें |
2 | E-File मेन्यू चुनें | टॉप मेन्यू में e-File → Income Tax Forms → File Income Tax Forms पर क्लिक करें |
3 | सही फॉर्म चुनें | खोज बार में Form 10A (नए पंजीकरण/प्रोविजनल/रेगुलर) या Form 10AB (संशोधन/रिन्यूअल) टाइप करें और Apply पर क्लिक करें |
4 | आवेदन प्रकार चुनें | ड्रॉपडाउन में से Section 12AB Registration और उपयुक्त ऑप्शन (नया / नवीनीकरण / संशोधन) चुनें |
5 | फॉर्म भरें | संस्था की बेसिक जानकारी, स्थापना तिथि, पता, ट्रस्ट डीड का विवरण, ऑब्जेक्ट्स आदि भरें |
6 | दस्तावेज अपलोड करें | PDF फॉर्मेट में ट्रस्ट डीड, पंजीकरण प्रमाणपत्र, पैन, गतिविधि रिपोर्ट, ऑडिट रिपोर्ट, उपविधि, बैंक स्टेटमेंट अपलोड करें |
7 | प्रीव्यू और वेरिफाई | फॉर्म को चेक करें और फिर EVC (आधार OTP) / DSC (डिजिटल सिग्नेचर) से वेरिफाई करें |
8 | सबमिट करें | सफलतापूर्वक सबमिशन के बाद Acknowledgement Number जेनरेट होगा |
9 | AO द्वारा प्रोसेसिंग | AO (Assessing Officer) आवेदन और दस्तावेज जांच करेगा, आवश्यकता होने पर स्पष्टीकरण मांगेगा |
10 | पंजीकरण सर्टिफिकेट | संतुष्ट होने पर Form 10AC में पंजीकरण सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा (5 वर्ष वैधता) |
सभी दस्तावेज स्कैन PDF फॉर्मेट में और 300 KB से कम साइज में होने चाहिए।-
संस्था का ईमेल और मोबाइल पोर्टल पर अपडेट होना चाहिए, ताकि OTP और नोटिफिकेशन मिलें।
-
समयसीमा का ध्यान रखें: नवीनीकरण आवेदन पंजीकरण समाप्त होने से 6 माह पहले करें।
धारा | विषय | मुख्य प्रावधान | विशेष बिंदु |
---|---|---|---|
धारा 12 | ट्रस्ट/संस्थान की आय (स्वैच्छिक योगदान) | - ट्रस्ट या संस्था को प्राप्त स्वैच्छिक योगदान (जो कॉर्पस हेतु न हो) को धारा 11 के तहत "संपत्ति से आय" माना जाएगा।- धारा 13 की शर्तें लागू होंगी।- ट्रस्ट द्वारा संबंधित व्यक्तियों को मुफ्त/रियायती दर पर दी गई मेडिकल या शैक्षणिक सेवाओं का मूल्य आय मानी जाएगी। | - कॉर्पस दान अलग माना जाएगा।- 80G(5C) के तहत गुजरात भूकंप राहत हेतु प्राप्त राशि का गलत उपयोग/अप्रयुक्त रहने पर आय मानी जाएगी। |
धारा 12A | पंजीकरण हेतु शर्तें | - धारा 11 और 12 के लाभ पाने के लिए ट्रस्ट/संस्था को 12AB के तहत पंजीकरण अनिवार्य है।- लेखा-परीक्षण (Audit) की शर्त यदि कुल आय छूट के बिना मूल सीमा से अधिक हो।- रिटर्न समय से दाखिल करना अनिवार्य। | - पंजीकरण के लिए आवेदन धारा 12AB में निर्धारित तरीके से।- पूर्वव्यापी पंजीकरण का प्रावधान नहीं। |
धारा 12AA | पंजीकरण प्रक्रिया (अब अप्रभावी) | - पहले ट्रस्ट का पंजीकरण 12AA के तहत होता था।- इसमें जाँच होती थी: (i) ट्रस्ट/संस्था की वस्तुओं की वास्तविकता, (ii) गतिविधियों की प्रामाणिकता।- अब इसे धारा 12AB ने प्रतिस्थापित कर दिया है। | - 1 अप्रैल 2021 से नई पंजीकरण प्रक्रिया 12AB में स्थानांतरित। |
धारा 12AB | नई पंजीकरण प्रक्रिया | - 1 अप्रैल 2021 से लागू।- पंजीकरण/नवीनीकरण नियत अवधि के लिए।- प्रारंभिक पंजीकरण 3 वर्ष के लिए, बाद में 5 वर्ष के लिए।- समय-समय पर नवीनीकरण अनिवार्य।- पंजीकरण निरस्त करने के प्रावधान भी शामिल। | - सभी पुराने 12A/12AA पंजीकरण धारकों को पुनः पंजीकरण लेना पड़ा।- समयसीमा व प्रपत्र (Form 10A/10AB) अनिवार्य। |
No comments:
Post a Comment