Thursday 28 May 2020

ट्रस्ट: कम्पलीट कंप्लायंस” पार्ट 7 फॉरेन ग्रांट स्वीकार करने के रूल्स व एकाउंटिंग by CA Raghuveer punia

एक NGO की इनकम/ रिसिप्ट के मुख्य स्रोत ये हैं:-

1. डोनेशन/ वोलंटरी कॉन्ट्रिब्यूशन

2. कोरपस डोनेशन/ डोनेशन with इंस्ट्रक्शन ऑफ use

3. ग्रांट-इन-ऐड, जिसमें पूरा बजट with डिटेल्ड एक्टिविटी हो। अगर कोई सरप्लस हो तो रिफंडेबल की कंडीशन हो या reimbursement भी हो सकता है, पूरा या आंशिक

4.चार्जेज जैसे फीस, कंसल्टेंसी, ट्रेनिंग फीस, accomodation का किराया, ट्रांसपोर्टेशन, फ़ूड, कॉस्ट ऑफ मटेरियल, रेंट, आदि।

5. sale ऑफ प्रोडक्ट जैसे धर्मिक बुक्स की बिक्री, गैशाला द्वारा डेयरी प्रोडक्ट की बिक्री, किसी एक्टिविटी द्वारा डेवेलोप मटेरियल की बिक्री जैसे बच्चों को पेंटिंग या क्राफ्ट सिखाते समय जो मटेरियल डेवलप हुआ उसकी एक्सहिबिशन लगाने पर पेंटिंग/ क्राफ्ट बिक जाती है। एजुकेशनल इंस्टिट्यूट कोई टीचिंग ऐड develop करती है, उसके सरप्लस की बिक्री आदि।

5. मेम्बरशिप फीस

6. क्राउड फंडिंग

7. स्पॉन्सरशिप

8. सीएसआर

9. फॉरेन ग्रांट:- फॉरेन ग्रांट भी एक तरह की ग्रांट ही है जो डोनेशन या कोरपस डोनेशन भी हो सकती है। लेकिन फॉरेन ग्रांट के लिए एकाउंटिंग, ऑडिटिंग, स्वीकार करने का प्रोसीजर, रिपोर्टिंग requirement भिन्न हैं, इसलिए फॉरेन ग्रांट की अलग कैटेगरी बनाकर डिस्कस कर रहे हैं:

फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन/ ग्रांट क्या है:-

किसी फॉरेन सोर्स से किसी संस्था द्वारा प्राप्त की जाने वाली कोई सहायता जो, इन काइंड, या इंडियन करेंसी में या फॉरेन करेंसी में या शेयर्स/ बॉण्ड्स के फॉर्म में, मिलती है वह फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन कहलाएगी।

फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन कौन ले सकता है:-

इंडिविजुअल, HUF, संस्थाएं, धारा 8 की कम्पनी

फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन कौन नहीं ले सकता है:-

1. Election candidate

2. Member of any legislature (MP and MLAs)

3. Political party or office bearer thereof

4.Organization of a political nature

5.Correspondent, columnist, cartoonist, editor, owner, printer or publishers of a registered Newspaper.

6.Judge, government servant, or employee of any corporation or any other body controlled on owned by the Government.

7. Association or company engaged in the production or broadcast of audio news, audiovisual news or current affairs programmes through any electronic mode

8.Any other individuals or associations who have been specifically prohibited by the Central Government

फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन किस उद्देश्य के लिए ले सकते हैं:-

कल्चरल, इकनोमिक, एजीकेशनल,रिलिजियस,सोशल

रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता:-

होम मिनिस्ट्री में रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कराना होता है या होम मिनिस्ट्री से परमिशन लेनी होती है।

रजिस्ट्रेशन की शर्तें:-

1. संस्था 3 साल पुरानी हो

2. पिछले तीन सालों में एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपेंसेज को छोड़ते हुए डायरेक्ट ऑब्जेक्ट पर कम से कम 10 लाख रुपए खर्च किए हैं।

अगर संस्था तीन साल पुरानी न हो तो:-

अगर संस्था तीन साल पुरानी न हो तो, होम मिनिस्ट्री स्पेसिफिक अमाउंट की पार्टिकुलर डोनर के लिए परमिशन दे देती है।

क्या रजिस्ट्रेशन परमानेंट होता है:-

नहीं। रजिस्ट्रेशन 5 साल के लिए होता है। उसके बाद ऑनलाइन नवीनीकरण कराना होता है।

बैंक एकाउंट:-

फॉरेन ग्रांट/ कंट्रीब्यूशन के लिए एक सेपरेट बैंक एकाउंट खोलना पड़ेगा।बैंक की उस ब्रांच में जो फॉरेन डीलर हो। सभी तरह की फॉरेन ग्रांट उसी एकाउंट में जमा करानी होंगी। ग्रांट यूटिलाइजेशन के लिए डिफरेंट बैंक एकाउंट खोलकर ट्रांसफर कर सकते हैं।

फोरेन्ट ग्रांट का यूटिलाइजेशन:-

ग्रांट का यूटिलाइजेशन जिस उद्देश्य के लिए ग्रांट आई है उसी में कर सकते हैं। ग्रांट किसी दूसरी संस्था को भी होम मिनिस्ट्री की पेरमिशन से ट्रांसफर कर सकते हैं। जो 10% से ज्यादा नहीं हो सकती।

टोटल कॉन्ट्रिब्यूशन/ग्रांट के 50%से ज्यादा एडमिनिस्ट्रेटिव खर्चे नहीं हो सकते।

सेक्शन 8 की कम्पनी में कैपिटल कॉन्ट्रिब्यूशन भी फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन है। ग्रांट पर होने वाली इंटरेस्ट इनकम व अन्य आय भी फॉरेन ग्रांट है।

एकाउंट्स:-

फॉरेन ग्रांट के लिए सेपरेट सेट ऑफ बुक्स ऑफ एकाउंट रखना होगा। सेपरेट इनकम एंड expenditure एकाउंट, बैलेंस शीट बनेगी। सेपरेट ऑडिट होगी। बाद में कंसोलिडेशन करना होगा।

एनुअल रिटर्न:-

फाइनेंसियल ईयर समाप्त होने के 9 महीने के अंदर अर्थात 31 दिसम्बर तक फॉर्म FC-4 में होम मिनिस्ट्री को एनुअल रिटर्न जाएगी। ऑडिटेड एकाउंट्स के साथ।

अगर वित्तिय वर्ष में कोई ग्रांट नहीं आई तो NIL की रिटर्न भी फ़ाइल करनी होगी।

परिवर्तनों की सूचना:-

संस्था के परिवर्तनों की सूचना 15 दिन के अंदर फॉर्म FC-6 में होम मिनिस्ट्री को देनी होती है।





Thursday 14 May 2020

इनकम टैक्स में कर कटौती की नई दर

COVID-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए करदाताओं के निपटान में अधिक धनराशि प्रदान करने के लिए, गैर-वेतनभोगी निर्दिष्ट भुगतानों का पालन करने के लिए TDS की दरों में 25% की कमी की गई है। यहाँ मौजूदा और नई कम दरों की तालिका है

Monday 11 May 2020

Telangana seeks 50 percent subsidy from Centre on yarn for handloom sector



The Telangana government has sought 50 per cent subsidy on yarn for the textile industry, from the Centre. Besides, it wanted the GST council to consider waiving the tax on handloom products for two years, in order to support the sector during the present difficult times. In a letter to Union Minister for Textiles, Smriti Irani, Telangana Minister for Industries and IT, KT Rama Rao requested the Centre, as a short term measure, support of up to 50 per cent of wages of the workers in the sector, contingent on continued employment of workforce for 6 months as a long repayable in the long run.
"Further, in order to encourage faster reboot of the sector, the Government of India could consider 50 per cent yarn subsidy across the handloom industry. As a special case, the GST Council should also consider complete waiver of GST on handloom products for a period of 2 years to boost the sector," Rao said in the letter. Telangana has placed higher importance on the textile sector, as also handlooms, with a view to creating jobs even as the state is coming up with textile parks in Warangal and Sircilla, with commitments from global and domestic investors, the minister said.
KTR also urged the union minister to facilitate higher temporary credit facilities up to 30 per cent of current limits to meet the cash losses due to the ongoing lockdown to contain coronavirus, to enable the industry to meet its obligations towards its vendors. In order to support the industry, on a medium terms basis, there is a need to correct the inverted duty structure under GST on man-made fibers, besides transferring subsidies directly to cotton farmers accounts through direct benefit transfer instead of offering a minimum support price for their produce, Rao said in the letter. 

The Truth about Alcohol Tax | Explained by Dhruv Rathee





जब बेवड़े फ्री का पीते है तो सरकार बदल देते है।
और जब खरीद कर पीते है तो इकोनॉमी बचा देते है।।😂😂

Wednesday 6 May 2020

CBIC further extends the due date for filing Annual Return for F.Y 2018-19 till September 30, 2020


CBIC vide Notification No. 41/2020 – Central Tax Dated May 05, 2020 which further extends the time limit for furnishing of the Annual Return i.e. Form GSTR-9, specified under section 44 of the CGST Act, 2017 read with rule 80 of the CGST Rules, 2017, electronically through the common portal, for the Financial Year 2018-2019 till September 30, 2020.

The notification can be accessed at: http://www.a2ztaxcorp.com/wp-content/uploads/2020/05/notification05052020.pdf

Tuesday 5 May 2020

GST टर्नओवर 5 करोड़ से ऊपर है तब----

Taxpayers having aggregate turnover more than Rs. 5 crore in preceding FY, Last date for filing GSTR-3B for the month of March-2020 (without interest abd late fee) is 5th May 2020.